Tuesday, 21 July 2015

Tourism Matheran टूरिज्‍म माथेरान




जब हम वेकेशन की प्‍लानिंग करते हैं तो ऐसी जगह जाने का मन करता है जहां ना तो शोर-शराबा हो, ना ही गाडियों के हॉर्न बजने की आवाजें और ना ही कंक्रीट का जंगल। ऐसी जगह जहां सिर्फ नेचर, ग्रीनरी, पहाड़ और वादियां ही हो। इस पोस्‍ट में हम आपको एक ऐसे ही टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन पर लेकर जा रहे हैं जहां ना तो शोर-शराबा है और ना ही कंक्रीट का जंगल और जहां सिर्फ नेचर के बीच में रहने का एक्‍सीपीरियंस होता है। हम जा रहे हैं इंडिया के सबसे छोटे टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन माथेरान।

महाराष्‍ट्र के रायगढ़ जिले में खूबसूरत हिल स्‍टेशन है माथेरान। मुंबई से करीब 100 किलोमीटर दूर है और इंडिया का सबसे छोटा लेकिन बेहद शांत डेस्टिनेशन है माथेरान। माथेरान का मतलब होता है सिर पर जंगल। इस हिल स्‍टेशन को साल 1850 में ठाणे डिस्‍ट्रिक्‍ट के कलेक्‍टर हयूज पोयन्‍टस मलेट ने डिस्‍कवर किया था और उस वक्‍त मुंबई के गर्वनर रहे लॉर्ड एल्फिंस्‍टोन ने इस हिल स्‍टेशन की नींव रखी थी। तब इसे खासतौर पर गर्मी के टाइम में घूमने के लिए डेवलप किया गया था। इस हिल स्‍टेशन की एक और खासियत है कि यहां पर किसी भी तरह के टू-व्‍हीलर या फोर-व्‍हीलर ले जाने पर बैन है और ये रूल इसे इंडिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की कुछ ऐसी चुनिंदा टूरिस्‍ट डेस्टिनेशंस में शामिल करता है जहां टू-व्‍हीलर, फोर-व्‍हीलर या किसी भी तरह की गाडि़यां नहीं जा सकती और घूमने के लिए सिर्फ घोड़े, खच्‍चर या फिर हाथ से खींचने वाले रिक्‍शे ही मिलते हैं।



कैसे जाएं
माथेरान वैसे तो मुंबई के काफी पास है और इसिलिए यहां आने में कोई मुश्किल नहीं होती। यहां पर सबसे पास का रेलवे स्‍टेशन नेरल है जो यहां से करीब 9 किलोमीटर दूर है। नेरल से टॉय ट्रेन अमन लॉज तक चलती है जिसमें करीब 2 से 3 घंटे लगते हैं। अमर लॉज से भी एक और टॉय ट्रेन माथेरान जाती है। यहां आते वक्‍त जब ट्रेन पहाड़ों पर चढ़ती और उतरती है तो खिड़की से काफी बढि़या नजारे दिखाई देते हैं।


रोड से आने के लिए मुंबई से नेरल से अमन लॉज तक टैक्‍सी से भी जाया जा सकता है जिसमें ट्रेन से कम टाइम लगता है और वहां पर टैक्‍सी भी आसानी से ही मिल जाती है।

बाई एयर आने के लिए सबसे पास का एयरपोर्ट मुंबई और पुणे है जो पूरे इंडिया ही नहीं बल्कि विदेशों से भी अच्‍छी तरह से कनेक्‍टिड है।


कहां रूके
माथेरान में रूकने के लिए हर तरह के बजट के होटल्‍स के ऑप्‍शन मिल जाएंगे लेकिन अगर आप गर्मियों में जाने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो अच्‍छा ये होगा कि आप पहले से ही बुकिंग करा लें क्‍योंकि मुंबई के पास होने के कारण गर्मियों में काफी टूरिस्‍ट यहां आते हैं और ऐसे में रूम मिलने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।


कब जाएं
वैसे तो माथेरान पूरे साल में कभी भी जाया जा सकता है क्‍योंकि यहां पर गर्मियों में भी मौसम काफी बढि़या होता है और मानसून के टाइम यहां की हरियाली आपको एकदम फ्रेश कर देती है। नवबंर से मार्च तक जब नॉर्थ इंडिया में काफी ठंड होती है तो भी यहां पर मौसम बढिया होता है।


क्‍या देखें

वैसे तो पूरा माथेरान बहुत छोटा सा है लेकिन यहां के 38 पाइंट ऐसे हैं जहां से नेचर को पास से देखा जा सकता है।



लुकआउट पाइंट से माथेरान के गांव को देखा जा सकता है तो मंकी पाइंट, 
पोरकुपाइन पाइंट जैसे कई पाइंट है जहां से सनसेट और सनराइज देखना बेहद खूबसूरत लगता है। पेनोरमा पाइंट से तो पूरे इलाके का ऐसा व्‍यू मिलता है जिसे देखकर ही पता किया जा सकता है।

प्रबल फोर्ट
प्रबल हिल पर प्रबल फोर्ट को बनाया गया जो यहां की एतिहासिक धरोहर है। हालांकि अब ये जगह खंडहर हो चुकी है लेकिन इमारत देखकर ऐसा लगता है कि ये जगह अपने टाइम में ये जगह काफी रॉयल रही होगी।



शारलॉट लेक
माथेरान की खूबसूरत जगह में से एक है शारलॉट लेक के आस-पास का एरिया। बर्ड वाचिंग करनी हो या फिर पिकनिक मनानी हो ये जगह हर किसी की मस्‍ती के लिए फिट बैठती है। पास में ही श्री पिशरनाथ जी का मंदिर भी है।

बारिश के मौसम में माथेरान में बादल जमीं के पास आ जाते हैं, कई मौसमी झरने बन, चारों तरफ फैले जंगल और ज्‍यादा हरे-भरे होने के कारण ये जगह और ज्‍यादा खूबसूरत हो जाती है।


क्‍या खरीदें
माथेरान काफी छोटा टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन है और यहां पर शापिंग के लिए काफी ज्‍यादा ऑप्‍शन नहीं है लेकिन बांस से बनी चीजें और चमड़े की चप्‍पलें खरीद सकते हैं।














पढ़ने के अलावा अगर आप चाहते हैं कि ऐसी ही और इंटरस्टिंग टूरिस्‍ट डेस्टिनेशंस को देखें तो आप हमारे यू-टयूब चैनल को सब्‍सक्राइब कर सकते हैं।
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Thursday, 2 July 2015

andman and nicobar island अंडमान एंड निकोबार आईलैंड



इंडिया (india) में टूरिज्म (tourism) के लिए कई डेस्टिनेशन (destination) हैं। लेकिन बीच डेस्टिनेशन (beach destination) में गोआ (goa), केरला (kerala) के साथ-साथ अंडमान एंड निकोबार आईलैंड (andman and nicobar island) भी काफी फेमस (famous) है। इंडिया (india) की मेनलैंड (mainland) से करीब 1400 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी (bay of bangal) में 600 आईलैंडस (islands) को मिलाकर बनता है अंडमान एंड निकोबार आईलैंड (andman and nicobar island)। कोस्टल एरिया (coastal area) में घूमने के शौकीनों के लिए ये जगह परफेक्ट (perfect) है। इसके साथ ही रोमांटिक हॉलिडे (romantic holiday) और हनीमून कपल्स (honeymoon couples) के लिए भी ये फेवरेट डेस्टिनेशंस (favorite destinations)  में से है। इंडिया (india) की यूनियन टेरिट्री (union territory)  होने के साथ साथ ये थाईलैंड (thailand) और म्यांमार (Myanmar)  के काफी पास है। अंडमान (andman) शब्द मलय लैंग्वेज (malay language) के हांदुमन से आया है जो हिंदू देवता (hindu god) हनुमान (hanuman) के नाम पर है। साथ ही निकोबार (nicobar) वर्ड (word) को भी इसी लैंग्वेज (language) से लिया गया है जिसका मतलब (meaning) होता है नग्न (nude) लोगों की जगह।


शुरूआत में ये जगह मराठाओं की थी जो बाद में ब्रिटिशर्स (britishers) के पास चली गई। सेकेंड वर्ल्‍ड वॉर के बाद (after second world war) इस जगह पर जापान (japan) ने कब्जा कर लिया और कुछ टाइम (time) तक अंडमान एंड निकोबार (andman and nicobar island) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (neta ji subash chandra bose) की सेना (army) के पास भी रहा। बाद में जब ब्रिटिशर्स (britishers) ने इंडिया (india) को आजाद (independence) किया और तब से ये इंडिया (india) के अंडर (under) है। इंडिया (india) में फ्रीडम फाइटर्स (freedom fighters) को जब कालापानी (kala pani) की सजा दी जाती थी तो उनको यहां लाया जाता था और सेलुलर जेल (cellular jail) में बंद कर दिया जाता था। 26 दिसंबर 2004 में जब सूनामी (Tsunami) आयी तो यहां पर भी काफी नुकसान हुआ था लेकिन सभी चीजों को फिर से सही कर लिया गया और अब ये जगह टूरिस्ट के लिए परफेक्‍ट डेस्टिनेशन (perfect destination for tourist) है।



कैसे जाएं


अंडमान एंड निकोबार आईलैंड (andman and nicobar island) जाने के लिए दिल्ली (delhi), कोलकाता (kolkatta), चेन्नई (chennai) से फ्लाइट (flight) मिल जाती हैं। चार्टर्ड प्लेन (charted plane) भी अंडमान एंड निकोबार आईलैंड (andman and nicobar island) के पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट (port blair airport) पर आ सकते हैं लेकिन इसके लिए पहले सिविल विमानन (civil aviation) महानिदेशक के रूल्स (rules) को पूरा करना होता है। शिप (ship) से जाने के लिए चेन्नई (chennai), कोलकाता (kolkatta) से जाना पड़ेगा। जबकि विशाखापट्नम से महीने में सिर्फ एक शिप (ship) ही पोर्ट ब्लेयर (port blair) जाती है। फ्लाइट (flight) से जाने में करीब 5 घंटे (hours) लगते हैं तो शिप (ship) से पोर्ट ब्लेयर (port blair) जाने में करीब 3 दिन (days) लगते हैं।




कहां रूके


अंडमान एंड निकोबार (andman and nicobar) में रूकने के लिए कई प्राइवेट होटल्स (private hotels) हैं तो सरकार (government) की तरफ से कुछ गेस्ट हाउस (guest house) भी हैं जिनकी बुकिंग (booking) ऑनलाइन (online) करवाई जा सकती है। पोर्ट ब्लेयर (port blair) और हैवलॉक आइलैंड (havlok) में ही सभी बज्‍ट के होटल्स आसानी से मिल जाएंगे।






क्या देखें




आइलैंडस।


ऐसी जगह जहां हर तरफ समुद्र ही समुद्र है ऐसे में सबसे पहले आईलैंड देखने जा सकते हैं।सिंक आइलैंड, जॉली बॉय, रेड स्किन, हैवलॉक आइलैंड, बैरन, रॉस, वाइपर, चाथम आइलैंड पर गुजरे जमाने की काफी चीजें देखने के लिए मिल जाएंगी।


बीच।


कार्बाइंस कोव बीच, पोर्ट ब्लेयर से करीब 6 किलोमीटर दूर इस बीच पर नारियल के पेड़ों के साथ सनबाथ लेना टूरिस्ट के बीच काफी पॉपुलर है।

नार्थ बे बीच, मुंडा पहाड, वंडूर, कॉलीनपुर, राधानगर, विजयनगर, एलिफेंट, लक्ष्मणपुर, भरतपुर, सीतापुर, कर्माटांग, कर्मापुर, लामिया बे, रामनगर, बटलर बे, नेताजी नगर, हरमिंदर बे जैसे बीचेज पर जाकर सर्फिंग, सनबाथ के साथ साथ घूमना बेहद अच्छा लगता है।



सेल्युलर जेल


अंडमान द्वीप समूह का सबसे मशहूर स्थान राजधानी पोर्ट ब्लेयर स्थित सेल्युलर जेल हैए जिसे 1906 में बनाया गया था। यह जेल परिसर भारतीय स्वाधीनता के संघर्ष के दौर की याद दिलाती है। कई स्वाधीनता संग्राम सेनानियों जैसे वीर सावरकर और बटुकेश्वर दत्त को भी यहां रखा गया था। जेल परिसर में हर रोज शाम को लाइट एंड साउंड का एक शो होता है, जिसमें इस स्थान की हिस्‍ट्री बताई जाती है




वॉटर स्पोर्टस लवर्स के लिए


अंडमान आइलैंडस समूह समुद्री जीवन को देखने और रोमांचक वॉटर स्पोर्ट्स का मजा लेने की विश रखने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। पोर्ट ब्लेयर से 54 किलोमीटर दूर स्थित हैवलॉक आईलैंड राधानगर बीच के लिए मशहूर है। इसके नीले पानी में कई समुद्री जीव और शैवाल हैं। यहां कोई भी आसानी से वॉटर स्पोर्ट्स, स्नॉर्कलिंग, डाइविंग, सी-वॉकिंग और स्कूबा डाइविंग कर सकता है। अब यहां वंडूर बीच पर महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क बन चुका है। यहां पर डाइविंग एक्सपर्ट की देखरेख में आप समुद्र के अंदर शैवाल देख सकते हैं। वाइपर और रॉस आइलैंडस भी समुद्री किनारों, बैकवाटर्स और आदिवासियों की संस्कृति देखने के बेस्‍ट हैं।



क्या खरीदें


आप यहां से शंख, सीपियां और लकड़ी से बनी चीजें सो‍वेनियर के तौर पर खरीद सकते हैं। यहां शैवाल और शंख, सीपियों को उठाना बैन है। इन्हें आप सिर्फ सरकार द्वारा आथराइज्ड दुकानों से खरीदकर ही ला सकते हैं।


कब जाएं


अंडमान एंड निकोबार आइलैंड पर जाने के लिए पूरा साल बेस्‍ट है क्‍योंकि यहां पर टेंपरेचर 22 डिग्री से लेकर 30 डिग्री तक रहता है और बारिश के टाइम यहां काफी बारिश होती है लेकिन मानसून के टाइम यहां पर बीचेज की खूबसूरती काफी बढ़ जाती है।

आपको हमारा ये पोस्ट कैसा लगा आप हमें कमेंट कर बता भी सकते हैं, साथ ही टीम देखो दुनिया देखो उम्मीद करती है कि आपको हमारे इस पोस्टब से अंडमान एंड निकोबार आइलैंड के बारे में काफी जानकारी मिली होगी तो देर किस बात की जल्दी से वहां की टिकट बुक कीजिए और देखिए अंडमान एंड निकोबार आइलैंड की खूबसूरती।




पढ़ने के अलावा अगर आप चाहते हैं कि ऐसी ही और इंटरस्टिंग टूरिस्‍ट डेस्टिनेशंस को देखें तो आप हमारे यू-टयूब चैनल को सब्‍सक्राइब कर सकते हैं।
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