Monday, 24 August 2015

मदिकेरी साउथ का स्‍कॉटलैंड Madikeri the scotland of India




चारों तरफ फैली ग्रीनरी, ठंडा मौसम, नेचुरल ब्‍यूटी और जहां तक नजर जाएं वहां तक फैले कॉफी के बागान कुछ ऐसा है साउथ का स्‍कॉटलैंड मदिकेरी। कुछ ऐसी ही खासियतों के कारण टूरिस्‍ट यहां आने को मजबूर हो ही जाते हैं। सी लेवल से 1525 मीटर उंचे इस टूरिज्‍म डेस्टिनेशन को साउथ का स्‍कॉटलैंड भी कहा जाता है। करीब 400 साल से भी पहले ये जगह लिंगायत राजाओं की पसंद हुआ करती थी जो कुर्ग में अपना शासन चलाते थे। साल 1785 में टीपू सुल्‍तान ने कुर्ग और मदिकेरी को जीता और यहां राज किया। साल 1834 में ब्रिटिशर्स ने इस जगह को अपने कब्‍जे में ले लिया और यहां के आखिरी राजा के खिलाफ मुकदमा चलाकर उसे जेल में डाल दिया। आजादी के बाद ये जगह कर्नाटक राज्‍य में आई और अब ये जगह दुनिया में अपने बेहतरीन कॉफी और मसालों के लिए जानी जाती है।




कैसे पहुंचे।

बाई एयर आने के लिए मदिकेरी के सबसे पास मंगलौर एयरपोर्ट है, जहां से मदिकेरी करीब 135 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से मदिकेरी जाने में करीब 1 घंटा लगता है। मंगलौर एयरपोर्ट पर मुंबई, बंगलुरू, दिल्‍ली, दुबई, दोहा, आबू धाबी, मस्‍कट से फलाइटस आती-जाती हैं।

ट्रेन से मदिकेरी जाने के लिए मैसूर सबसे पास का रेलवे स्‍टेशन है जो पूरे इंडिया से अच्‍छे से कनेक्‍ट है। इसके अलावा थालेसरी रेलवे स्‍टेशन पर जाकर मदिकेरी पहुंचा जा सकता है।

मंगलौर से मदिकेरी रोड नेटवर्क से काफी अच्‍छी तरह से कने‍क्‍टिड है और बाई रोड करीब 3 घंटे की ड्राइव के बाद मदिकेरी पहुंचा जा सकता है। स्‍टेट ट्रांसपोर्ट की बसों से भी यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। बंगलुरू, मैसूर और कालीकट से भी यहां बस, टैक्‍सी से पहुंचा जा सकता है।


कहां रूके।

मदिकेरी में रूकने के लिए 2 स्‍टार से लेकर 5 स्‍टार होटल्‍स मिल जाएंगे लेकिन आप चाहें तो कर्नाटक टूरिज्‍म के होटल्‍स में भी अपने लिए रूम बुक करवा सकते हैं या फिर किसी कॉफी एस्‍टेट में बने बेहद शानदार बंगलों में स्‍टे कर अपनी वैकेशंस को मजेदार बना सकते हैं।


कब जाएं।
जून से सितंबर तक यहां पर काफी ज्‍यादा बारिश होती है इसलिए अगर मानसून सीजन में वॉटरफॉल्‍स की खूबसूरती देखना पसंद है तो इस दौरान जा सकते हैं। अक्‍टूबर से मई तक के टाइम में यहां पर मौसम काफी सुहावना होता है और अप्रैल और मई में तो ये जगह कॉफी की खुशबू से महकती है। सर्दियों के टाइम में यहां आना भी काफी बेस्‍ट होता है क्‍योंकि उस टाइम जब आप यहां स्‍टे करते हैं तो सुबह के टाइम होटल के रूम से बाहर आपको धुंध, चिडि़यों की चहचहाहट और मौसम ऐसा कॉम्बिनेशन बनाते हैं जो आपकी सुबह एकदम बेस्‍ट कर देती है।



क्‍या देखें।

अब्‍बे वॉटरफॉल।
मदिकेरी से करीब 5 किलोमीटर दूर है अब्‍बे वॉटरफॉल। एक प्राईवेट कॉफी एस्‍टेट में करीब 50 फीट उचांई से गिरते इस वॉटरफॉल को देखकर ही एक्‍साइटमेंट होने लगती है और जब इस वॉटरफॉल में भीगकर और स्‍वीमिंग कर आप आएंगे तो बिल्‍कुल फ्रैश हो जाएंगे।


मदिकेरी फोर्ट।
अपनी शुरूआत में ये किला मिटटी से बनाया गया था। इस फोर्ट में पूरे शहर की छाप नजर आती है। इसको लिंगराजेन्‍दा वोडेयार-2 ने बनवाया था। जब टीपू सुल्‍तान ने यहां पर अपना राज शुरू किया तो उन्‍होंने इसमें मोडिफिकेशन करवाई और किले में पत्‍थरों को यूज कर मजबूत करवाया। किले के अंदर लिंगायत के राजाओं का महल भी है और वहीं पर वीरभद्र मंदिर भी है जिसको अंग्रेजों ने तुड़वाकर एंजलियन चर्च बनवाया था। साल 1933 में ब्रिटिशर्स ने यहां पर क्‍लॉक टॉवर और पोर्टिको भी बनवाई थी। अब इस चर्च की जगह यहां पर म्‍यूजियम है।


राजा की सीट।
इस जगह को साउथ का सबसे बेस्‍ट व्‍यू पाइंट माना जाता है। इस जगह का नाम राजा की सीट इसलिए पड़ा क्‍योंकि यहां से उस समय के राजा उगते और ढलते हुए सूरज को देखते थे। यहां से सूरज को देखने के सा‍थ-साथ पहाड़ों, हरे खेतों को देखा जा सकता है। राजा की सीट एक छोटा सा पवेलियन है जो ईटों और मोर्टार और 4 खंभों से मिलकर बना हुआ है।

राजा का मकबरा।
इस्‍लामी आर्किटेक्‍चर से इंस्‍पायर्ड इस जगह पर कई शाही मकबरे हैं जिन्‍हें देखा जा सकता है।


भागमंडल।
मदिकेरी से करीब 40 किलोमीटर दूर इस जगह को साउथ की काशी और त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। भगंद महर्षि ने यहां पर जब से शिवलिंग स्‍थापित करवाया है तब से ही इसे भागमंडल नाम से जाना जाता है।



ओंकारेश्‍वर मंदिर।
नाम के जैसे ये मंदिर भगवान शिव और विष्‍णु को समर्पित है। साल 1820 में राजा लिंगराज ने इस मंदिर को मस्जिदाकार शैली में बनवाया था लेकिन इसमें आपको कैथलिक, केरल, गोथिक शैली भी देखने को मिलेगी। मंदिर में एक गुम्‍बद और 4 मीनारें है जिसमें नंदी की मूर्ति है।

तालकावेरी।
मदिकेरी से करीब 48 किलोमीटर दूर तालकावेरी कावेरी नदी की उदगम स्थली है इसलिए धार्मिक दृष्टि से इसका बहुत महत्व है। यह ब्रह्मगिरी पहाड़ के ढलान पर स्थित है।


हरंगी डैम।
मदिकेरी से करीब 36 किलोमीटर दूर हरंगी फेमस है अपने ट्री हाउस के लिए, आप चाहे तो यहां स्‍टे भी कर सकते हैं। उत्तरी कुर्ग के कुशलनगर के पास में हरंगी डैम एक टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन है। कावेरी रिवर पर बना ये डैम 2775 फीट लंबा और 174 फीट ऊंचा है।


नल्‍कनाद महल।
मदिकेरी से 45 किलोमीटर दूर ये महल कोडागू की सबसे उंची पहाड़ी पर बना है। इसे साल 1792 में डोडा वीरराज ने बनवाया था। इस महल की वास्‍तुकारी खासियत है और टूरिस्‍ट के बीच ये जगह भी पापुलर है।


इरप्‍पु वॉटरफॉल।
मदिकेरी से करीब 90‍ किलोमीटर दूर है इरप्‍पु वॉटरफॉल, ये जगह वॉटरफॉल से ज्‍यादा तीर्थ की तरह पापुलर है। क्‍योंकि इस रिलेशन भगवान राम से भी है। यहीं पर रामतीर्थ नदी है जिसके पास भगवान शिव का मंदिर भी है, शिवरात्रि के टाइम यहां पर लोग आते हैं और रामतीर्थ नदी में डुबकी लगाते हैं।


ये तो बात हुई मदिकेरी के आस-पास घूमने की जगहों के बारे में। अब टीम देखो दुनिया देखो आपको बताएगी कि यहां पर एडवेंचर लवर्स के लिए क्‍या खास है।
मदिकेरी में घूमने और देखने के लिए काफी कुछ है लेकिन इसके आस-पास का करीब 33 पर्सेंट एरिया जंगल है। हरंगी, बारपोल, लक्ष्‍मणतीर्थ, कुमारधारा, हेमावती जैसी नदियां यहां पर पहाड़ों से निकलती है और इनको देखकर सारी थकान गायब हो जाती है। इंडिया में फूलों की करीब 8 पर्सेंट वैराइटी सिर्फ यहीं पर मिलती है। तालकावेरी, ब्रहमगिरी, पुष्‍पगिरी जैसी सेंचुरी भी देखी जा सकती है जो है तो छोटी लेकिन जंगली जानवरों और पक्षियों से भरी हुई हैं और मदिकेरी से करीब 70 से 80 किलोमीटर दूर है। यहां आकर आप शहरों के शोर-शराबे से दूर नेचर को काफी करीब से देख सकते हैं।



नगरहोल नेशनल पार्क।
मदिकेरी से करीब 90 किलोमीटर दूर है नगरहोल वाइल्‍डलाइफ सेंचुरी। हिरन, हाथी, जंगली भालू, बंदर के साथ-साथ टाइगर्स को अपने नेचुरल होम में देखना भी अलग एक्‍सपीरियंस है। अगर आप यहां जाना चाहते हैं तो आपको टीम देखो दुनिया देखो एडवाइस करेगी कि आप यहां सुबह जल्‍दी आएं क्‍योंकि शाम होते ही यहां पर गार्डस हाईवे सील कर देते हैं जिससे लेट होने पर यहां से जाने में परेशानी हो सकती है। लेकिन अगर आप पार्क के अंदर बने रिजॉर्ट में रूकना चाहते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं। करीब 284 वर्ग किलोमीटर के लंबे एरिया में डेवलप इस नेशनल पार्क में फलोरा और फॉना की वैराइटी जरूर देखनी चाहिए।


मदिकेरी की लोकल लाइफ को डिस्‍कवर करना हो तो सबसे बढि़या तरीका शाम होने के बाद यहां के टाउन मॉल पर जाने का है। शाम होने के बाद यहां के लोकलस टाउन मॉल पर जाते हैं और वहां की लोकल फूड आइटम्‍स का मजा भी उस टाइम लिया जा सकता है।



क्‍या खरीदें।
मदिकेरी पूरी दुनिया में कॉफी और मसालों के लिए फेमस है इसलिए टीम देखो दुनिया देखो आपको सजेस्‍ट करेगी कि आप यहां से जाएं तो यहां के मसाले और कॉफी खरीद कर साथ ले जाएं।










पढ़ने के अलावा अगर आप चाहते हैं कि ऐसी ही और इंटरस्टिंग टूरिस्‍ट डेस्टिनेशंस को देखें तो आप हमारे यू-टयूब चैनल को सब्‍सक्राइब कर सकते हैं।
 
https://www.youtube.com/channel/UCwGbuNFJk3ZECQfdEMhgPHQ

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Monday, 3 August 2015

टूरिज्म कोडैकनाल tourism kodaikanal







इंडिया के तमिलनाडु में बेहद सुंदर टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन है कोडैकनाल। पाली हिल के बीच बसा ये टूरिस्‍ट डेस्टिनेशन हर मौसम में टूरिस्‍टों की पसंद बना रहता है क्‍योंकि यहां पर पूरा साल मौसम बेहद सुहावना रहता है। इंडिया में ये अकेला ऐसा टूरिज्‍म डेस्टिनेशन है जिसे अमेरिकन्‍स ने साल 1845 में डिस्‍कवर किया था। उस समय अमेरिकन्‍स मिशनरी ने यहां पर स्‍कूल बनाया था और गर्मियों के मौसम में यहां पर रहने के लिए आते थे। 12 साल में एक बार खिलने वाले कुरुंजी फूल को भी देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। यह फूल सिर्फ कोडाइकनाल में ही देखने को मिलता है। एकाशिया और पियर के पेड़ यहां की खूबसूरती को और ज्‍यादा बढ़ा देते हैं।







कैसे जाएं।
मदुरै, बैंगलोर, कोयंबटूर, पलानी चित्री से कोडैकनाल आने के लिए बस आसानी से मिल जाएंगी। कोडई रोड रेलवे स्‍टेशन यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर है तो पालनी रेलवे स्‍टेशन यहां से 64 किलोमीटर दूर है। मदुरै एयरपोर्ट से कोडैकनाल सिर्फ 120 किलोमीटर दूर है और एयरपोर्ट से यहां के लिए सीधी टैक्‍सी और बस भी मिल जाती हैं। कोयंबटूर एयरपोर्ट भी यहां से करीब 135 किलोमीटर दूर है। लेकिन अगर आप मदुरै से यहां जाना चाहते हैं तो आपको ट्रेन और रोड के कई आप्‍शन मिल जाएंगे।



कहां रूके।
कोडाईकनाल हिल रिजार्ट, स्‍टलिंग वैली व्‍यू, होटल पैलेस जैसे कई होटल्‍स हैं जिनमें रूम बुक करवाकर आप यहां बिना परेशानी के घूम सकते हैं।


क्‍या देखें।




कोडाइकनाल लेक।
24 हैक्‍टेयर में फैली ये लेक यहां की सबसे फेमस टूरिस्‍ट स्‍पॉट है और हमेशा यहां पर काफी चहल-पहल रहती है। स्‍टार फिश के डिजाइन जैसी ये लेक करीब 60 एकड़ में फैली है और इसमें बोटिंग, पेडल बोट में बोटिंग कर आस-पास के नजारों का मजा ले सकते हैं तो शिकारे में बैठकर कश्‍मीर की डल लेक जैसी फीलिंग ले सकते हैं। इस लेक में बोट क्‍लब और टूरिस्‍ट डिपार्टमेंट की तरफ से बोटिंग की व्‍यवस्‍था की गई है। अगर आप लेक में बोटिंग और शिकारे का मजा ले चुके हैं तो आप लेक के साथ-साथ बनी सड़क पर घुडसवारी करते हुए यहां की नेचुरल ब्‍यूटी का एक्‍सपीरियंस ले सकते हैं। साथ ही साइकिल से घूमकर यहां फोटो क्लिक कर यादों को सहेज सकते हैं।





बेरिजम लेक।
कोडाइकनाल लेक की तरह ही बेरिजम लेक भी नेचुरल ब्‍यूटी से भरपूर है और टूरिस्‍टों को इसकी ब्‍यूटी काफी पसंद आती है। कोइैकनाल बस स्‍टैंड से करीब 20 किलोमीटर दूर इस लेक पर लोग पिकनिक मनाते हैं। इसी लेक से यहां के पेरियाकुलम नगर को पानी की सप्‍लाई की जाती है। इस लेक को ब्रिटिश आर्मी में कर्नल रहे कर्नल हेमिल्‍टन ने डिस्‍कवर किया था और साल 1864 में ही कुछ कंस्‍ट्रक्‍शन वर्क करवाया था।





ब्रायंट पार्क।
बेरिजम लेक की ईस्‍ट में काफी बढ़ा और खूबसूरत पार्क है जिसका नाम ब्रायंट पार्क है। ये करीब 20 एकड़ में बना हुआ है। इस पार्क में फूलों और कुछ खास किस्‍म के पेड़ जो यहां के पहाड़ों में मिलते हैं वो देखने को मिलेंगे। मई के महीने में यहां पर फेस्‍ट मनाया जाता है जिसमें कई तरह के फूलों को देखा जा सकता है। इसी पार्क में ग्‍लॉस हाउस भी है जिसमें कई किस्‍म के ऑर्किड के फूल देखने को मिलते हैं और करीब 160 साल पुराना यूकलिप्‍टस का पेड़ भी यहां की खासियत है जो करीब 250 फुट उंचा भी है।





पिलर रॉक्‍स।
कोडैकनाल लेक से 7 किलोमीटर दूर है पिलर रॉक्‍स। नेचर का बनाया ये अजूबे से कम नहीं है। यहां पर 3 बेहद बड़े रॉक्‍स है जिनकी हाईट करीब 120 मीटर है। इन रॉक्‍स के सामने बने मिनी पार्क से जब टूरिस्‍ट यहां का व्‍यू देखते है तो काफी अमेजिंग एक्‍सपीरियंस होता है और अगर मौसम बढि़या हो तो यहां पर कभी-कभी फॉग (धुंध) आ जाती है जिसमें ये रॉक्‍स थोड़े से ढंक जाते है और तब इनको देखना काफी मिस्‍टीरियस लगता है।




कुरिंजी अंदावर टेंपल।
कोडैकनाल लेक से 3 किलोमीटर दूर कुरिंजी अंदावर टेंपल है जिसमें लॉर्ड मुरूगन की पूजा होती है। कुरिंजी का तमिल में मतलब पहाड़ी इलाका होता है और अंदावर का मीनिंग ईश्‍वर यानि कि भगवान होता है।
यहां लॉर्ड मुरूगन को पहाड़ों का देवता माना जाता है और इसिलिए इस मंदिर में 
इनकी पूजा की जाती है। साल 1936 में एक यूरोपियन महिला ने ये मंदिर बनवाया था, जिसने बाद में हिंदू धर्म भी अपनाया। इसके बाद उन्हें लेडी रामानाथन के नाम से जाना गया। यहां से पलानी की पहाडि़यों को देखकर काफी सकून मिलता है।  




बीयर शोला फॉल।
कोडैकनाल लेक से करीब 2 किलोमीटर दूर है बीयर शोला फॉल। नाम के जैसे यहां पर एक फॉल (झरना) है जिसमें बीयर आकर पानी पीते है। बीयर्स के यहां काफी जयादा होने के कारण इस जगह का नाम बीयर शोला फॉल पड़ा है।




सिल्‍वर कासकेड।
मदुरै से कोडैकनाल आते समय एक झरना मिलता है जो जमीन से 180 फीट उंचाई से गिरता है। कौडेकनाल लेक से ये करीब 8 किलोमीटर दूर है। जिसका नाम सिल्‍वर कासकेड झरना है। यहां आने पर झरने से आने वाली पानी की आवाज के अलावा शोर नहीं होता इसिलिए यहां पर आने वाले टूरिस्‍ट रिलैक्‍स करते हैं।





कोकर्स वॉक।
कोडाइकनाल आकर कोकर्स वॉक जाना बिल्कुल न भूलें। 1 किलोमीटर लंबे इस वॉक में आपको कई सारे ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे जो इंडिया में शायद ही कहीं और देखने को मिलें। इस जगह का नाम लेफ्टिनेंट कोकर के नाम पर है, जिन्होंने कोडाइकनाल का मैप बनाया था। यहां आसपास की हरियाली के बीच फोटोग्राफी करने का अपना एक अलग ही मजा है। पहाड़ों पर चलते हुए महसूस होता है मानो आप बादलों को छू लेंगे। यह अनुभव अनूठा होता है।




डॉल्फिन नोज
डॉल्फिन नोज कोडैकनाल से करीब 8 किलोमीटर दूर है। ये जगह ट्रैकिंग के लिए फेमस है। 2000 मीटर ऊंचे पहाड़ पर चढ़कर घाटियों और झीलों के नजारे को देखना वाकई एक अलग और बहुत ही अच्छा एक्‍सपीरियंस है। कोडाइकनाल से 8 किमी दूर इस पहाड़ से कोडाइ की लिरिल झील भी दिखती है, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।




ग्रीन वैली व्‍यू।
5 हजार फीट उंचे ग्रीन वैली व्‍यू को पहले सुसाइड पाइंट कहा जाता था क्‍योंकि यहां से घाटी का व्‍यू देखना काफी खतरनाक है लेकिन यहां से घाटी का व्‍यू काफी सुंदर लगता है। इस जगह पर अब काफी शॉप्‍स है। इनसे यहां का फेमस यूकलिप्‍टस ऑयल खरीदा जा सकता है।






टेलिस्‍कोप हाउस।
इतना सब देखने के बाद अगर आप अभी-भी नेचर को देखना चाहते हैं तो आप टेलिस्‍कोप हाउस जा सकते हैं जहां पर टेलिस्‍कोप से आस-पास के जंगल और वहां के नजारे देख सकते हैं। इसके लिए दो टेलिस्‍कोप हाउस कोडई में बनाए गए हैं।

कोडैकनाल में देखने के लिए थालाइयर झरना, डोलमेन सर्कल, डॉल्फिन नोज, मायर पाइंट, साइलैंट वैली, डॉक्‍टर्स डिलाइट, कुक्‍कल केव्‍स जैसे कई स्‍पाट देखकर खुद को फ्रैश कर सकते हैं।

क्‍या खरीदें।

 खादी इम्पोरियम, हैंडलूम कोऑपरेटिव स्टोर्स आदि से कलात्मक वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं। 
इसके साथ ही यहां का फेमस यूकलिप्‍टस ऑयल भी खरीदकर आप अपने साथ ले जा सकते हैं।











पढ़ने के अलावा अगर आप चाहते हैं कि ऐसी ही और इंटरस्टिंग टूरिस्‍ट डेस्टिनेशंस को देखें तो आप हमारे यू-टयूब चैनल को सब्‍सक्राइब कर सकते हैं।
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