इंडिया के
तमिलनाडु में बेहद सुंदर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है कोडैकनाल। पाली हिल के बीच बसा ये
टूरिस्ट डेस्टिनेशन हर मौसम में टूरिस्टों की पसंद बना रहता है क्योंकि यहां पर
पूरा साल मौसम बेहद सुहावना रहता है। इंडिया में ये अकेला ऐसा टूरिज्म डेस्टिनेशन
है जिसे अमेरिकन्स ने साल 1845 में डिस्कवर किया था। उस समय अमेरिकन्स मिशनरी ने यहां
पर स्कूल बनाया था और गर्मियों के मौसम में यहां पर रहने के लिए आते थे। 12 साल में एक बार खिलने वाले
कुरुंजी फूल को भी देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। यह फूल सिर्फ
कोडाइकनाल में ही देखने को मिलता है। एकाशिया और पियर के पेड़ यहां की खूबसूरती को
और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
मदुरै, बैंगलोर, कोयंबटूर, पलानी चित्री से कोडैकनाल आने के लिए बस आसानी से मिल जाएंगी। कोडई रोड रेलवे स्टेशन यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर है तो पालनी रेलवे स्टेशन यहां से 64 किलोमीटर दूर है। मदुरै एयरपोर्ट से कोडैकनाल सिर्फ 120 किलोमीटर दूर है और एयरपोर्ट से यहां के लिए सीधी टैक्सी और बस भी मिल जाती हैं। कोयंबटूर एयरपोर्ट भी यहां से करीब 135 किलोमीटर दूर है। लेकिन अगर आप मदुरै से यहां जाना चाहते हैं तो आपको ट्रेन और रोड के कई आप्शन मिल जाएंगे।
कोडाईकनाल हिल रिजार्ट, स्टलिंग वैली व्यू, होटल पैलेस जैसे कई होटल्स हैं जिनमें रूम बुक करवाकर आप यहां बिना परेशानी के घूम सकते हैं।
क्या देखें।
24 हैक्टेयर में फैली ये लेक यहां की सबसे फेमस टूरिस्ट स्पॉट है और हमेशा यहां पर काफी चहल-पहल रहती है। स्टार फिश के डिजाइन जैसी ये लेक करीब 60 एकड़ में फैली है और इसमें बोटिंग, पेडल बोट में बोटिंग कर आस-पास के नजारों का मजा ले सकते हैं तो शिकारे में बैठकर कश्मीर की डल लेक जैसी फीलिंग ले सकते हैं। इस लेक में बोट क्लब और टूरिस्ट डिपार्टमेंट की तरफ से बोटिंग की व्यवस्था की गई है। अगर आप लेक में बोटिंग और शिकारे का मजा ले चुके हैं तो आप लेक के साथ-साथ बनी सड़क पर घुडसवारी करते हुए यहां की नेचुरल ब्यूटी का एक्सपीरियंस ले सकते हैं। साथ ही साइकिल से घूमकर यहां फोटो क्लिक कर यादों को सहेज सकते हैं।
कोडाइकनाल लेक की तरह ही बेरिजम लेक भी नेचुरल ब्यूटी से भरपूर है और टूरिस्टों को इसकी ब्यूटी काफी पसंद आती है। कोइैकनाल बस स्टैंड से करीब 20 किलोमीटर दूर इस लेक पर लोग पिकनिक मनाते हैं। इसी लेक से यहां के पेरियाकुलम नगर को पानी की सप्लाई की जाती है। इस लेक को ब्रिटिश आर्मी में कर्नल रहे कर्नल हेमिल्टन ने डिस्कवर किया था और साल 1864 में ही कुछ कंस्ट्रक्शन वर्क करवाया था।
बेरिजम लेक की ईस्ट में काफी बढ़ा और खूबसूरत पार्क है जिसका नाम ब्रायंट पार्क है। ये करीब 20 एकड़ में बना हुआ है। इस पार्क में फूलों और कुछ खास किस्म के पेड़ जो यहां के पहाड़ों में मिलते हैं वो देखने को मिलेंगे। मई के महीने में यहां पर फेस्ट मनाया जाता है जिसमें कई तरह के फूलों को देखा जा सकता है। इसी पार्क में ग्लॉस हाउस भी है जिसमें कई किस्म के ऑर्किड के फूल देखने को मिलते हैं और करीब 160 साल पुराना यूकलिप्टस का पेड़ भी यहां की खासियत है जो करीब 250 फुट उंचा भी है।
कोडैकनाल लेक से 7 किलोमीटर दूर है पिलर रॉक्स। नेचर का बनाया ये अजूबे से कम नहीं है। यहां पर 3 बेहद बड़े रॉक्स है जिनकी हाईट करीब 120 मीटर है। इन रॉक्स के सामने बने मिनी पार्क से जब टूरिस्ट यहां का व्यू देखते है तो काफी अमेजिंग एक्सपीरियंस होता है और अगर मौसम बढि़या हो तो यहां पर कभी-कभी फॉग (धुंध) आ जाती है जिसमें ये रॉक्स थोड़े से ढंक जाते है और तब इनको देखना काफी मिस्टीरियस लगता है।
कोडैकनाल लेक से 3 किलोमीटर दूर कुरिंजी अंदावर टेंपल है जिसमें लॉर्ड मुरूगन की पूजा होती है। कुरिंजी का तमिल में मतलब पहाड़ी इलाका होता है और अंदावर का मीनिंग ईश्वर यानि कि भगवान होता है।
यहां लॉर्ड मुरूगन को पहाड़ों का देवता माना जाता है और इसिलिए इस मंदिर में
इनकी पूजा की जाती है। साल 1936 में एक यूरोपियन महिला ने ये मंदिर बनवाया था, जिसने बाद में हिंदू धर्म भी अपनाया। इसके बाद उन्हें लेडी रामानाथन के नाम से जाना गया। यहां से पलानी की पहाडि़यों को देखकर काफी सकून मिलता है।
कोडैकनाल लेक से करीब 2 किलोमीटर दूर है बीयर शोला फॉल। नाम के जैसे यहां पर एक फॉल (झरना) है जिसमें बीयर आकर पानी पीते है। बीयर्स के यहां काफी जयादा होने के कारण इस जगह का नाम बीयर शोला फॉल पड़ा है।
मदुरै से कोडैकनाल आते समय एक झरना मिलता है जो जमीन से 180 फीट उंचाई से गिरता है। कौडेकनाल लेक से ये करीब 8 किलोमीटर दूर है। जिसका नाम सिल्वर कासकेड झरना है। यहां आने पर झरने से आने वाली पानी की आवाज के अलावा शोर नहीं होता इसिलिए यहां पर आने वाले टूरिस्ट रिलैक्स करते हैं।
कोडाइकनाल आकर कोकर्स वॉक जाना बिल्कुल न भूलें। 1 किलोमीटर लंबे इस वॉक में आपको कई सारे ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे जो इंडिया में शायद ही कहीं और देखने को मिलें। इस जगह का नाम लेफ्टिनेंट कोकर के नाम पर है, जिन्होंने कोडाइकनाल का मैप बनाया था। यहां आसपास की हरियाली के बीच फोटोग्राफी करने का अपना एक अलग ही मजा है। पहाड़ों पर चलते हुए महसूस होता है मानो आप बादलों को छू लेंगे। यह अनुभव अनूठा होता है।
डॉल्फिन नोज कोडैकनाल से करीब 8 किलोमीटर दूर है। ये जगह ट्रैकिंग के लिए फेमस है। 2000 मीटर ऊंचे पहाड़ पर चढ़कर घाटियों और झीलों के नजारे को देखना वाकई एक अलग और बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस है। कोडाइकनाल से 8 किमी दूर इस पहाड़ से कोडाइ की लिरिल झील भी दिखती है, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।
5 हजार फीट उंचे ग्रीन वैली व्यू को पहले सुसाइड पाइंट कहा जाता था क्योंकि यहां से घाटी का व्यू देखना काफी खतरनाक है लेकिन यहां से घाटी का व्यू काफी सुंदर लगता है। इस जगह पर अब काफी शॉप्स है। इनसे यहां का फेमस यूकलिप्टस ऑयल खरीदा जा सकता है।
इतना सब देखने के बाद अगर आप अभी-भी नेचर को देखना चाहते हैं तो आप टेलिस्कोप हाउस जा सकते हैं जहां पर टेलिस्कोप से आस-पास के जंगल और वहां के नजारे देख सकते हैं। इसके लिए दो टेलिस्कोप हाउस कोडई में बनाए गए हैं।
कोडैकनाल में देखने के लिए थालाइयर झरना, डोलमेन सर्कल, डॉल्फिन नोज, मायर पाइंट, साइलैंट वैली, डॉक्टर्स डिलाइट, कुक्कल केव्स जैसे कई स्पाट देखकर खुद को फ्रैश कर सकते हैं।
क्या खरीदें।
खादी इम्पोरियम, हैंडलूम कोऑपरेटिव स्टोर्स आदि से कलात्मक वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं।
इसके साथ ही यहां का फेमस यूकलिप्टस ऑयल भी खरीदकर आप अपने साथ ले जा सकते हैं।
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