जब हम वेकेशन की प्लानिंग करते हैं तो ऐसी जगह
जाने का मन करता है जहां ना तो शोर-शराबा हो, ना ही गाडियों के हॉर्न बजने की
आवाजें और ना ही कंक्रीट का जंगल। ऐसी जगह जहां सिर्फ नेचर, ग्रीनरी, पहाड़ और
वादियां ही हो। इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर लेकर जा
रहे हैं जहां ना तो शोर-शराबा है और ना ही कंक्रीट का जंगल और जहां सिर्फ नेचर के
बीच में रहने का एक्सीपीरियंस होता है। हम जा रहे हैं इंडिया के सबसे छोटे टूरिस्ट
डेस्टिनेशन माथेरान।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में खूबसूरत हिल स्टेशन
है माथेरान। मुंबई से करीब 100 किलोमीटर दूर है और इंडिया का सबसे छोटा लेकिन बेहद
शांत डेस्टिनेशन है माथेरान। माथेरान का मतलब होता है सिर पर जंगल। इस हिल स्टेशन
को साल 1850 में ठाणे डिस्ट्रिक्ट के कलेक्टर हयूज पोयन्टस मलेट ने डिस्कवर
किया था और उस वक्त मुंबई के गर्वनर रहे लॉर्ड एल्फिंस्टोन ने इस हिल स्टेशन की
नींव रखी थी। तब इसे खासतौर पर गर्मी के टाइम में घूमने के लिए डेवलप किया गया था।
इस हिल स्टेशन की एक और खासियत है कि यहां पर किसी भी तरह के टू-व्हीलर या
फोर-व्हीलर ले जाने पर बैन है और ये रूल इसे इंडिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की
कुछ ऐसी चुनिंदा टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में शामिल करता है जहां टू-व्हीलर, फोर-व्हीलर
या किसी भी तरह की गाडि़यां नहीं जा सकती और घूमने के लिए सिर्फ घोड़े, खच्चर या
फिर हाथ से खींचने वाले रिक्शे ही मिलते हैं।
कैसे जाएं
माथेरान वैसे तो मुंबई के काफी पास है और इसिलिए
यहां आने में कोई मुश्किल नहीं होती। यहां पर सबसे पास का रेलवे स्टेशन नेरल है
जो यहां से करीब 9 किलोमीटर दूर है। नेरल से टॉय ट्रेन अमन लॉज तक चलती है जिसमें
करीब 2 से 3 घंटे लगते हैं। अमर लॉज से भी एक और टॉय ट्रेन माथेरान जाती है। यहां
आते वक्त जब ट्रेन पहाड़ों पर चढ़ती और उतरती है तो खिड़की से काफी बढि़या नजारे
दिखाई देते हैं।
रोड से आने के लिए मुंबई से नेरल से अमन लॉज तक
टैक्सी से भी जाया जा सकता है जिसमें ट्रेन से कम टाइम लगता है और वहां पर टैक्सी
भी आसानी से ही मिल जाती है।
बाई एयर आने के लिए सबसे पास का एयरपोर्ट मुंबई और
पुणे है जो पूरे इंडिया ही नहीं बल्कि विदेशों से भी अच्छी तरह से कनेक्टिड है।
कहां रूके
माथेरान में रूकने के लिए हर तरह के बजट के होटल्स
के ऑप्शन मिल जाएंगे लेकिन अगर आप गर्मियों में जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो
अच्छा ये होगा कि आप पहले से ही बुकिंग करा लें क्योंकि मुंबई के पास होने के
कारण गर्मियों में काफी टूरिस्ट यहां आते हैं और ऐसे में रूम मिलने में थोड़ी
परेशानी हो सकती है।
कब जाएं
वैसे तो माथेरान पूरे साल में कभी भी जाया जा सकता
है क्योंकि यहां पर गर्मियों में भी मौसम काफी बढि़या होता है और मानसून के टाइम
यहां की हरियाली आपको एकदम फ्रेश कर देती है। नवबंर से मार्च तक जब नॉर्थ इंडिया
में काफी ठंड होती है तो भी यहां पर मौसम बढिया होता है।
क्या देखें
वैसे तो पूरा माथेरान बहुत छोटा सा है लेकिन यहां
के 38 पाइंट ऐसे हैं जहां से नेचर को पास से देखा जा सकता है।
लुकआउट पाइंट से माथेरान के गांव को देखा जा सकता
है तो मंकी पाइंट,
पोरकुपाइन पाइंट जैसे कई पाइंट है जहां से सनसेट और सनराइज
देखना बेहद खूबसूरत लगता है। पेनोरमा पाइंट से तो पूरे इलाके का ऐसा व्यू मिलता
है जिसे देखकर ही पता किया जा सकता है।
प्रबल फोर्ट
प्रबल हिल पर प्रबल फोर्ट को बनाया गया जो यहां की
एतिहासिक धरोहर है। हालांकि अब ये जगह खंडहर हो चुकी है लेकिन इमारत देखकर ऐसा
लगता है कि ये जगह अपने टाइम में ये जगह काफी रॉयल रही होगी।
शारलॉट लेक
माथेरान की खूबसूरत जगह में से एक है शारलॉट लेक के
आस-पास का एरिया। बर्ड वाचिंग करनी हो या फिर पिकनिक मनानी हो ये जगह हर किसी की
मस्ती के लिए फिट बैठती है। पास में ही श्री पिशरनाथ जी का मंदिर भी है।
बारिश के मौसम में माथेरान में बादल जमीं के पास आ
जाते हैं, कई मौसमी झरने बन, चारों तरफ फैले जंगल और ज्यादा हरे-भरे होने के कारण
ये जगह और ज्यादा खूबसूरत हो जाती है।
क्या खरीदें
माथेरान काफी छोटा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है और यहां
पर शापिंग के लिए काफी ज्यादा ऑप्शन नहीं है लेकिन बांस से बनी चीजें और चमड़े
की चप्पलें खरीद सकते हैं।
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