चारों तरफ फैली ग्रीनरी, ठंडा मौसम, नेचुरल ब्यूटी
और जहां तक नजर जाएं वहां तक फैले कॉफी के बागान कुछ ऐसा है साउथ का स्कॉटलैंड
मदिकेरी। कुछ ऐसी ही खासियतों के कारण टूरिस्ट यहां आने को मजबूर हो ही जाते हैं।
सी लेवल से 1525 मीटर उंचे इस टूरिज्म डेस्टिनेशन को साउथ का स्कॉटलैंड भी कहा
जाता है। करीब 400 साल से भी पहले ये जगह लिंगायत राजाओं की पसंद हुआ करती थी जो
कुर्ग में अपना शासन चलाते थे। साल 1785 में टीपू सुल्तान ने कुर्ग और मदिकेरी को
जीता और यहां राज किया। साल 1834 में ब्रिटिशर्स ने इस जगह को अपने कब्जे में ले
लिया और यहां के आखिरी राजा के खिलाफ मुकदमा चलाकर उसे जेल में डाल दिया। आजादी के
बाद ये जगह कर्नाटक राज्य में आई और अब ये जगह दुनिया में अपने बेहतरीन कॉफी और
मसालों के लिए जानी जाती है।
कैसे पहुंचे।
बाई एयर आने के लिए मदिकेरी के सबसे पास मंगलौर
एयरपोर्ट है, जहां से मदिकेरी करीब 135 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से मदिकेरी जाने
में करीब 1 घंटा लगता है। मंगलौर एयरपोर्ट पर मुंबई, बंगलुरू, दिल्ली, दुबई,
दोहा, आबू धाबी, मस्कट से फलाइटस आती-जाती हैं।
ट्रेन से मदिकेरी जाने के लिए मैसूर सबसे पास का
रेलवे स्टेशन है जो पूरे इंडिया से अच्छे से कनेक्ट है। इसके अलावा थालेसरी
रेलवे स्टेशन पर जाकर मदिकेरी पहुंचा जा सकता है।
मंगलौर से मदिकेरी रोड नेटवर्क से काफी अच्छी तरह
से कनेक्टिड है और बाई रोड करीब 3 घंटे की ड्राइव के बाद मदिकेरी पहुंचा जा सकता
है। स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों से भी यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
बंगलुरू, मैसूर और कालीकट से भी यहां बस, टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
मदिकेरी में रूकने के लिए 2 स्टार से लेकर 5 स्टार होटल्स मिल जाएंगे लेकिन आप चाहें तो कर्नाटक टूरिज्म के होटल्स में भी अपने लिए रूम बुक करवा सकते हैं या फिर किसी कॉफी एस्टेट में बने बेहद शानदार बंगलों में स्टे कर अपनी वैकेशंस को मजेदार बना सकते हैं।
कब जाएं।
जून से सितंबर तक यहां पर काफी ज्यादा बारिश होती
है इसलिए अगर मानसून सीजन में वॉटरफॉल्स की खूबसूरती देखना पसंद है तो इस दौरान
जा सकते हैं। अक्टूबर से मई तक के टाइम में यहां पर मौसम काफी सुहावना होता है और
अप्रैल और मई में तो ये जगह कॉफी की खुशबू से महकती है। सर्दियों के टाइम में यहां
आना भी काफी बेस्ट होता है क्योंकि उस टाइम जब आप यहां स्टे करते हैं तो सुबह
के टाइम होटल के रूम से बाहर आपको धुंध, चिडि़यों की चहचहाहट और मौसम ऐसा
कॉम्बिनेशन बनाते हैं जो आपकी सुबह एकदम बेस्ट कर देती है।
क्या देखें।
अब्बे वॉटरफॉल।
मदिकेरी से करीब 5 किलोमीटर दूर है अब्बे वॉटरफॉल।
एक प्राईवेट कॉफी एस्टेट में करीब 50 फीट उचांई से गिरते इस वॉटरफॉल को देखकर ही
एक्साइटमेंट होने लगती है और जब इस वॉटरफॉल में भीगकर और स्वीमिंग कर आप आएंगे
तो बिल्कुल फ्रैश हो जाएंगे।
अपनी शुरूआत में ये किला मिटटी से बनाया गया था। इस
फोर्ट में पूरे शहर की छाप नजर आती है। इसको लिंगराजेन्दा वोडेयार-2 ने बनवाया
था। जब टीपू सुल्तान ने यहां पर अपना राज शुरू किया तो उन्होंने इसमें
मोडिफिकेशन करवाई और किले में पत्थरों को यूज कर मजबूत करवाया। किले के अंदर
लिंगायत के राजाओं का महल भी है और वहीं पर वीरभद्र मंदिर भी है जिसको अंग्रेजों
ने तुड़वाकर एंजलियन चर्च बनवाया था। साल 1933 में ब्रिटिशर्स ने यहां पर क्लॉक
टॉवर और पोर्टिको भी बनवाई थी। अब इस चर्च की जगह यहां पर म्यूजियम है।
इस जगह को साउथ का सबसे बेस्ट व्यू पाइंट माना
जाता है। इस जगह का नाम राजा की सीट इसलिए पड़ा क्योंकि यहां से उस समय के राजा
उगते और ढलते हुए सूरज को देखते थे। यहां से सूरज को देखने के साथ-साथ पहाड़ों,
हरे खेतों को देखा जा सकता है। राजा की सीट एक छोटा सा पवेलियन है जो ईटों और
मोर्टार और 4 खंभों से मिलकर बना हुआ है।
राजा का मकबरा।
इस्लामी आर्किटेक्चर से इंस्पायर्ड इस जगह पर कई
शाही मकबरे हैं जिन्हें देखा जा सकता है।
मदिकेरी से करीब 40 किलोमीटर दूर इस जगह को साउथ की
काशी और त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। भगंद महर्षि ने यहां पर जब से शिवलिंग स्थापित
करवाया है तब से ही इसे भागमंडल नाम से जाना जाता है।
ओंकारेश्वर मंदिर।
नाम के जैसे ये मंदिर भगवान शिव और विष्णु को
समर्पित है। साल 1820 में राजा लिंगराज ने इस मंदिर को मस्जिदाकार शैली में बनवाया
था लेकिन इसमें आपको कैथलिक, केरल, गोथिक शैली भी देखने को मिलेगी। मंदिर में एक
गुम्बद और 4 मीनारें है जिसमें नंदी की मूर्ति है।
तालकावेरी।
मदिकेरी से करीब
48
किलोमीटर दूर
तालकावेरी कावेरी नदी की उदगम स्थली है इसलिए धार्मिक दृष्टि से इसका बहुत महत्व
है। यह ब्रह्मगिरी पहाड़ के ढलान पर स्थित है।
हरंगी डैम।
मदिकेरी से करीब
36
किलोमीटर दूर
हरंगी फेमस है अपने ट्री हाउस के लिए, आप चाहे तो यहां स्टे भी कर सकते हैं। उत्तरी
कुर्ग के कुशलनगर के पास में हरंगी डैम एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। कावेरी रिवर पर
बना ये डैम 2775
फीट लंबा और 174 फीट ऊंचा है।
नल्कनाद महल।
मदिकेरी से 45
किलोमीटर दूर ये महल कोडागू की सबसे उंची पहाड़ी पर बना है। इसे साल 1792 में डोडा
वीरराज ने बनवाया था। इस महल की वास्तुकारी खासियत है और टूरिस्ट के बीच ये जगह
भी पापुलर है।
इरप्पु
वॉटरफॉल।
मदिकेरी से करीब
90 किलोमीटर दूर है इरप्पु वॉटरफॉल, ये जगह वॉटरफॉल से ज्यादा तीर्थ की तरह
पापुलर है। क्योंकि इस रिलेशन भगवान राम से भी है। यहीं पर रामतीर्थ नदी है जिसके
पास भगवान शिव का मंदिर भी है, शिवरात्रि के टाइम यहां पर लोग आते हैं और रामतीर्थ
नदी में डुबकी लगाते हैं।
ये तो बात हुई
मदिकेरी के आस-पास घूमने की जगहों के बारे में। अब टीम देखो दुनिया देखो आपको
बताएगी कि यहां पर एडवेंचर लवर्स के लिए क्या खास है।
मदिकेरी में
घूमने और देखने के लिए काफी कुछ है लेकिन इसके आस-पास का करीब 33 पर्सेंट एरिया
जंगल है। हरंगी, बारपोल, लक्ष्मणतीर्थ, कुमारधारा, हेमावती जैसी नदियां यहां पर
पहाड़ों से निकलती है और इनको देखकर सारी थकान गायब हो जाती है। इंडिया में फूलों
की करीब 8 पर्सेंट वैराइटी सिर्फ यहीं पर मिलती है। तालकावेरी, ब्रहमगिरी, पुष्पगिरी
जैसी सेंचुरी भी देखी जा सकती है जो है तो छोटी लेकिन जंगली जानवरों और पक्षियों
से भरी हुई हैं और मदिकेरी से करीब 70 से 80 किलोमीटर दूर है। यहां आकर आप शहरों
के शोर-शराबे से दूर नेचर को काफी करीब से देख सकते हैं।
नगरहोल नेशनल
पार्क।
मदिकेरी से करीब
90 किलोमीटर दूर है नगरहोल वाइल्डलाइफ सेंचुरी। हिरन, हाथी, जंगली भालू, बंदर के
साथ-साथ टाइगर्स को अपने नेचुरल होम में देखना भी अलग एक्सपीरियंस है। अगर आप
यहां जाना चाहते हैं तो आपको टीम देखो दुनिया देखो एडवाइस करेगी कि आप यहां सुबह
जल्दी आएं क्योंकि शाम होते ही यहां पर गार्डस हाईवे सील कर देते हैं जिससे लेट
होने पर यहां से जाने में परेशानी हो सकती है। लेकिन अगर आप पार्क के अंदर बने
रिजॉर्ट में रूकना चाहते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं। करीब 284 वर्ग
किलोमीटर के लंबे एरिया में डेवलप इस नेशनल पार्क में फलोरा और फॉना की वैराइटी
जरूर देखनी चाहिए।
मदिकेरी की लोकल
लाइफ को डिस्कवर करना हो तो सबसे बढि़या तरीका शाम होने के बाद यहां के टाउन मॉल
पर जाने का है। शाम होने के बाद यहां के लोकलस टाउन मॉल पर जाते हैं और वहां की
लोकल फूड आइटम्स का मजा भी उस टाइम लिया जा सकता है।
क्या खरीदें।
मदिकेरी पूरी
दुनिया में कॉफी और मसालों के लिए फेमस है इसलिए टीम देखो दुनिया देखो आपको सजेस्ट
करेगी कि आप यहां से जाएं तो यहां के मसाले और कॉफी खरीद कर साथ ले जाएं।
पढ़ने के अलावा अगर आप चाहते हैं कि ऐसी ही और इंटरस्टिंग टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को देखें तो आप हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।
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