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पिछली पोस्ट में हमने आपको हिमाचल की कैपिटल शिमला और उसके आस-पास के टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के बारे में बताया था। अब हम आपको हिमाचल के ही एक और फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन मनाली लेकर चलते हैं।
दिल्ली से मनाली की दूरी करीब 600 किलोमीटर है। अगर आप दिल्ली से मनाली बाई रोड जाना चाहते हैं तो आप कश्मीरी गेट से हिमाचल टूरिज्म की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन बस टिकट बुक कर सकते हैं। दिल्ली से मनाली की वाल्वो की टिकट 1300 रूपये है। फ्लाइट से जाने के लिए आपको भुतंर एयरपोर्ट की टिकट खरीदनी होगी जहां से मनाली नेशनल हाईवे नंबर- 3 से होकर जाना पड़ेगा। भुंतर एयरपोर्ट से मनाली 50 किलोमीटर है। इतना डिस्टेंस तय करने में करीब 1 घंटा लगता है। जबकि इंडियन रेलवे अगर आप मनाली जा रहे हैं तो आपको मनाली से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर है। लेकिन आप कालका और पठानकोट रेलवे स्टेशन से भी मनाली जा सकते हैं।
मनाली में रूकने के लिए वैसे तो हर बजट के लिए होटल है लेकिन अगर आपका बजट काफी अच्छा है तो आप स्पान रिजार्ट एंड स्पा, वाइट मिडोज या फिर सोलांग वैली होटल में रूका जा सकता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के होटल द लाॅग हट्स एंड हमटा काॅटेज, हिडीम्बा काॅटेज, द कुजुंम, द रोहतांग मनाल्सु, द ब्यास और द टूरिस्ट लाॅज में रूम बुक करवा सकते हैं। कुल मिलाकर मनाली में 1000 से ज्यादा होटल्स हैं। पूरे साल यहां पर ठंड रहती है इसलिए समर्स में हल्के गर्म कपड़े और विटर्स में अच्छे गर्म कपड़े, जैकेट साथ ले जाना ना भूलें।
नेचर ने मनाली को खुले हाथों से सजाया है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हर साल हजारों लोग मनाली घूमने के लिए आते हैं। देखो दुनिया देखो की टीम आपको एक सजेशन देती है कि अगर आप मनाली घूमने के लिए प्रोग्राम बना रहे हैं तो आप कम से कम 3 से 4 दिनों का प्रोग्राम बनाकर आएं। मनाली में हर किसी के लिए कुछ ना कुछ है। जैसे कि अगर आप नेचर लवर हैं तो यहां के फाॅरेस्ट, यहां की ग्रीनरी आपको तरोताजा करने के लिए है। अगर आप एडवेंचर लवर्स हैं तो आप यहां पर स्कीइंग, हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, कायाकिंग, माउंटेन बाइकिंग, जैसे तमाम एडवेंचर स्पोटर्स का मजा ले सकते हैं। लेकिन अगर आप इन सबके साथ साथ यहां के कल्चर और इतिहास को देखना चाहते हैं तो मनाली आपको निराश नहीं करेगा।
मनाली में साल 1553 में लकड़ी से बनाया गया हिडिम्बा मंदिर है। इस मंदिर को वहां के महाराजा बहादुर सिंह ने बनवाया था। 4 मंजिल का ये मंदिर पांडवों में से भीम की पत्नी को समर्पित है। मंदिर काष्ठ की कढ़ाई और शिवलिंग के लिए बेहद फेमस है। ढूंगरी वन विहार में बनाया गये इस मंदिर में मई के महीने में बेहद भव्य उत्सव होता है। मंदिर के पास ही म्यूजियम आॅफ ट्रेडिशनल हिमाचल कल्चर है जहां से आप सोवेनियर खरीद सकते हैं। लकड़ी से बना हुआ ये मंदिर पैगोड़ा डिजाइन पर बना हुआ है।
मनाली से 2-3 किलोमीटर दूर ओल्ड मनाली है जहां पर गेस्ट हाउस और पार्क काफी ज्यादा है। यहीं पर ही मनालीगढ़ किला भी हैं जो देखने लायक है। साथ ही ओल्ड मनाली में महर्षि मनु का मंदिर है यहीं आकर महर्षि ने ध्यान लगाया था। मनाली के माल रोड से थोड़ी दूर वशिष्ठ गांव है जहां पर भगवान राम और संत वशिष्ठ का मंदिर है जो, एक दूसरे के अपोजिट साइड है। साल 1960 में गाधन थेकचोलिंग गोम्पा बौद मंदिर है जिसमें शाक्य मुनि बुद की प्रतिमा विराजमान है। इस मठ को तिब्बती शरणार्थियों ने बनवाया था। जब आप गोम्पा के बाहर की दीवार को देखेंगे तो आपको वहां पर कुछ नाम लिखे दिखाई देंगे। ये नाम उन नागरिकों के जो तिब्बत में 1987 से 1989 तक चीन की तरफ से हुई कार्रवाई में मारे गए थे।
मनाली के पास पिरनी गांव में अर्जुन गुफा को देखने के लिए काफी लोग जाते हैं। यहां पर मान्यता है कि महाभारत के समय अर्जुन ने यहीं पर तपस्या की थी और इंद्रदेव ने अर्जुन की तपस्या से खुश होकर पशुपति अस्त्र प्रदान किया था।
सोलांग नाला, मनाली से 13 किलोमीटर दूर है। ये जगह 300 मीटर की स्की लिफ्ट के लिए फेमस है। 10 से 14 फरवरी के बीच यहां पर एनुअली विंटर कार्निवल मनाया जाता है, यहां पर ट्रैकिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग के कैंप भी लगाए जाते हैं। सोलांग नाला से मनाली की पुरानी कैपिटल जगतसुख को भी देखा जा सकता है।
मणिकर्ण भी यहां का फेमस टूरिस्ट स्पाॅट है। समुद्र तल से 1700 मीटर उंची इस जगह पर गर्म पानी का झरना है। यहां का पानी इतना गर्म है कि इसमें आप खाना भी बना सकते हैं। मान्यता है कि यहां पर माता पार्वती के कर्णफूल खो गए थे जिसके बाद झरने का पानी गर्म हो गया। मणिकर्ण से कूल्लू की दूरी करीब 40 किलोमीटर है और यहां से 30 किलोमीटर दूर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क है जहां पर जानवरों और पक्षियों की काफी सारी प्रजातियों को देखा जा सकता है। इसके साथ ही अगर यहां पर आप दशहरे के आस-पास जा रहे हैं तो आपको वल्र्ड फेमस कुल्लू का दशहरा भी देखने को मिलेगा जो दशहरे के बाद 15 दिनों तक चलता है।
अब बात यहां के एक और फेमस डेस्टिेनेशन जिसकी खूबसूरती बालीवुड फिल्मों में आपने देखी है। साल भर बर्फ से ढकी रहने वाली ये जगह रोहतांग पास है। मनाली से 50 किलोमीटर दूर जाने के लिए मनाली से टैक्सी और बस जाती है। अक्टूबर से फरवरी तक यहां पर स्नोफाल होता है जिसकी वजह से रोहतांग से लेह जाने वाला नेशनल हाइवे भी 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। रोहतांग पास से वेस्ट में दसोहर नाम की बेहद खूबसूरत झील है और जून से नवंबर के दौरान यहां पर लाहौल घाटी से पहुंचा जा सकता है। यहीं से कुछ दूर सोनपानी ग्लेशियर है।
हिमाचल का टूरिज्म डिपार्टमेंट लर्जी, कटरैन और कसौल में फिशिंग की परमीशन देता है तो रोहतांग में आप माउंटेन बाइकिंग का मजा ले सकते हैं। साथ ही मई से मिड जून तक व्यास नदी में रिवर राफ्टिंग भी की जा सकती है। इसके अलावा सोलांग नाला में ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एडवेंचरस एक्टिविटीज की जा सकती हैं। कुल मिलाकर मनाली में ना सिर्फ नेचुरल ब्यूटी है बल्कि यहां पर मंदिरों के साथ-साथ एडवेंचर भी काफी है। यहीं कारण भी है कि जो एक बार इस जगह को देख ले वो बार बार यहां पर आता है।
मनाली जाने के लिए आप हिमाचल टूरिज्म डिपार्टमेंट से बस, होटल और पैकेज की बुकिंग के लिए नीचे दिये गए नंबर्स पर फोन या मेल कर डिटेल ले सकते हैं।
पिछली पोस्ट में हमने आपको हिमाचल की कैपिटल शिमला और उसके आस-पास के टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के बारे में बताया था। अब हम आपको हिमाचल के ही एक और फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन मनाली लेकर चलते हैं।
दिल्ली से मनाली की दूरी करीब 600 किलोमीटर है। अगर आप दिल्ली से मनाली बाई रोड जाना चाहते हैं तो आप कश्मीरी गेट से हिमाचल टूरिज्म की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन बस टिकट बुक कर सकते हैं। दिल्ली से मनाली की वाल्वो की टिकट 1300 रूपये है। फ्लाइट से जाने के लिए आपको भुतंर एयरपोर्ट की टिकट खरीदनी होगी जहां से मनाली नेशनल हाईवे नंबर- 3 से होकर जाना पड़ेगा। भुंतर एयरपोर्ट से मनाली 50 किलोमीटर है। इतना डिस्टेंस तय करने में करीब 1 घंटा लगता है। जबकि इंडियन रेलवे अगर आप मनाली जा रहे हैं तो आपको मनाली से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर है। लेकिन आप कालका और पठानकोट रेलवे स्टेशन से भी मनाली जा सकते हैं।
मनाली में रूकने के लिए वैसे तो हर बजट के लिए होटल है लेकिन अगर आपका बजट काफी अच्छा है तो आप स्पान रिजार्ट एंड स्पा, वाइट मिडोज या फिर सोलांग वैली होटल में रूका जा सकता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के होटल द लाॅग हट्स एंड हमटा काॅटेज, हिडीम्बा काॅटेज, द कुजुंम, द रोहतांग मनाल्सु, द ब्यास और द टूरिस्ट लाॅज में रूम बुक करवा सकते हैं। कुल मिलाकर मनाली में 1000 से ज्यादा होटल्स हैं। पूरे साल यहां पर ठंड रहती है इसलिए समर्स में हल्के गर्म कपड़े और विटर्स में अच्छे गर्म कपड़े, जैकेट साथ ले जाना ना भूलें।
नेचर ने मनाली को खुले हाथों से सजाया है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हर साल हजारों लोग मनाली घूमने के लिए आते हैं। देखो दुनिया देखो की टीम आपको एक सजेशन देती है कि अगर आप मनाली घूमने के लिए प्रोग्राम बना रहे हैं तो आप कम से कम 3 से 4 दिनों का प्रोग्राम बनाकर आएं। मनाली में हर किसी के लिए कुछ ना कुछ है। जैसे कि अगर आप नेचर लवर हैं तो यहां के फाॅरेस्ट, यहां की ग्रीनरी आपको तरोताजा करने के लिए है। अगर आप एडवेंचर लवर्स हैं तो आप यहां पर स्कीइंग, हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, कायाकिंग, माउंटेन बाइकिंग, जैसे तमाम एडवेंचर स्पोटर्स का मजा ले सकते हैं। लेकिन अगर आप इन सबके साथ साथ यहां के कल्चर और इतिहास को देखना चाहते हैं तो मनाली आपको निराश नहीं करेगा।
मनाली में साल 1553 में लकड़ी से बनाया गया हिडिम्बा मंदिर है। इस मंदिर को वहां के महाराजा बहादुर सिंह ने बनवाया था। 4 मंजिल का ये मंदिर पांडवों में से भीम की पत्नी को समर्पित है। मंदिर काष्ठ की कढ़ाई और शिवलिंग के लिए बेहद फेमस है। ढूंगरी वन विहार में बनाया गये इस मंदिर में मई के महीने में बेहद भव्य उत्सव होता है। मंदिर के पास ही म्यूजियम आॅफ ट्रेडिशनल हिमाचल कल्चर है जहां से आप सोवेनियर खरीद सकते हैं। लकड़ी से बना हुआ ये मंदिर पैगोड़ा डिजाइन पर बना हुआ है।
मनाली से 2-3 किलोमीटर दूर ओल्ड मनाली है जहां पर गेस्ट हाउस और पार्क काफी ज्यादा है। यहीं पर ही मनालीगढ़ किला भी हैं जो देखने लायक है। साथ ही ओल्ड मनाली में महर्षि मनु का मंदिर है यहीं आकर महर्षि ने ध्यान लगाया था। मनाली के माल रोड से थोड़ी दूर वशिष्ठ गांव है जहां पर भगवान राम और संत वशिष्ठ का मंदिर है जो, एक दूसरे के अपोजिट साइड है। साल 1960 में गाधन थेकचोलिंग गोम्पा बौद मंदिर है जिसमें शाक्य मुनि बुद की प्रतिमा विराजमान है। इस मठ को तिब्बती शरणार्थियों ने बनवाया था। जब आप गोम्पा के बाहर की दीवार को देखेंगे तो आपको वहां पर कुछ नाम लिखे दिखाई देंगे। ये नाम उन नागरिकों के जो तिब्बत में 1987 से 1989 तक चीन की तरफ से हुई कार्रवाई में मारे गए थे।
मनाली के पास पिरनी गांव में अर्जुन गुफा को देखने के लिए काफी लोग जाते हैं। यहां पर मान्यता है कि महाभारत के समय अर्जुन ने यहीं पर तपस्या की थी और इंद्रदेव ने अर्जुन की तपस्या से खुश होकर पशुपति अस्त्र प्रदान किया था।
सोलांग नाला, मनाली से 13 किलोमीटर दूर है। ये जगह 300 मीटर की स्की लिफ्ट के लिए फेमस है। 10 से 14 फरवरी के बीच यहां पर एनुअली विंटर कार्निवल मनाया जाता है, यहां पर ट्रैकिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग के कैंप भी लगाए जाते हैं। सोलांग नाला से मनाली की पुरानी कैपिटल जगतसुख को भी देखा जा सकता है।
मणिकर्ण भी यहां का फेमस टूरिस्ट स्पाॅट है। समुद्र तल से 1700 मीटर उंची इस जगह पर गर्म पानी का झरना है। यहां का पानी इतना गर्म है कि इसमें आप खाना भी बना सकते हैं। मान्यता है कि यहां पर माता पार्वती के कर्णफूल खो गए थे जिसके बाद झरने का पानी गर्म हो गया। मणिकर्ण से कूल्लू की दूरी करीब 40 किलोमीटर है और यहां से 30 किलोमीटर दूर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क है जहां पर जानवरों और पक्षियों की काफी सारी प्रजातियों को देखा जा सकता है। इसके साथ ही अगर यहां पर आप दशहरे के आस-पास जा रहे हैं तो आपको वल्र्ड फेमस कुल्लू का दशहरा भी देखने को मिलेगा जो दशहरे के बाद 15 दिनों तक चलता है।
अब बात यहां के एक और फेमस डेस्टिेनेशन जिसकी खूबसूरती बालीवुड फिल्मों में आपने देखी है। साल भर बर्फ से ढकी रहने वाली ये जगह रोहतांग पास है। मनाली से 50 किलोमीटर दूर जाने के लिए मनाली से टैक्सी और बस जाती है। अक्टूबर से फरवरी तक यहां पर स्नोफाल होता है जिसकी वजह से रोहतांग से लेह जाने वाला नेशनल हाइवे भी 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। रोहतांग पास से वेस्ट में दसोहर नाम की बेहद खूबसूरत झील है और जून से नवंबर के दौरान यहां पर लाहौल घाटी से पहुंचा जा सकता है। यहीं से कुछ दूर सोनपानी ग्लेशियर है।
हिमाचल का टूरिज्म डिपार्टमेंट लर्जी, कटरैन और कसौल में फिशिंग की परमीशन देता है तो रोहतांग में आप माउंटेन बाइकिंग का मजा ले सकते हैं। साथ ही मई से मिड जून तक व्यास नदी में रिवर राफ्टिंग भी की जा सकती है। इसके अलावा सोलांग नाला में ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एडवेंचरस एक्टिविटीज की जा सकती हैं। कुल मिलाकर मनाली में ना सिर्फ नेचुरल ब्यूटी है बल्कि यहां पर मंदिरों के साथ-साथ एडवेंचर भी काफी है। यहीं कारण भी है कि जो एक बार इस जगह को देख ले वो बार बार यहां पर आता है।
मनाली जाने के लिए आप हिमाचल टूरिज्म डिपार्टमेंट से बस, होटल और पैकेज की बुकिंग के लिए नीचे दिये गए नंबर्स पर फोन या मेल कर डिटेल ले सकते हैं।
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