शिमला(shimla), नार्थ इंडिया (north India) का
बेहद फेमस टूरिस्ट
डेस्टिनेशन (famous tourist destination) और हिमाचल
की कैपिटल (capital of himachal) है।
हिस्ट्री (history) के मुताबिक
शिमला का नाम
हिंदू देवी मां
काली के दूसरे
नाम श्यामला पर
रखा गया है।
शिमला के सफर
की शुरूआत होती
है सन् 1814 से
1816 तक हुए गोरखा
वार (gorkha war) के बाद।
इस वार के
बाद जब सैनिक
टुकडि़यों को आराम
करने के लिए
जगह ढूंढी जा
रही थी तो
चीड़, देवदार के
घने जंगलों और
बड़े- बड़े पहाड़ों
के बीच इस
जगह को चुना
गया। यहां पर
सबसे पहले घर
बनाने वाले चाल्र्स
कैनेडी (Charles Canedy) थे लेकिन
जल्दी ही 1828 से
1835 तक ब्रिटिश इंडिया (British governor)के
गर्वनर जनरल लार्ड
विलियम बेन्टिन्क (Lord William Bentinck) को भी
ये बहुत पसंद
आया। समुद्र से
करीब 2200 मीटर उंची
इस जगह को
ब्रिटिशर्स (Britishers) ने साल
1864 में समर कैपिटल (summer capital)
बनाया था। ब्रिटिश
टाइम (British time) में यहां
पर ट्यूडर और
न्यूगाथिक शैली में
बिल्डिंगस (buildings) बनाई गई
जो अब भी
यहां उसी शान-शौकत से
खड़ी हुई है।
शिमला. वैसे तो
नार्थ इंडिया ही
नहीं बल्कि पूरे
इंडिया का बेहद
फेमस डेस्टिनेशन है।
दिल्ली (Delhi) से करीब
350 किलोमीटर और चंडीगढ़ (Chandigarh)
से करीब 100 किलोमीटर
दूर है। शिमला
रोड (road), बस (bus), ट्रेन (train)
और प्लेन (flight) किसी
से भी बहुत
आसानी से पहुंचा
जा सकता है।
अगर आपके पास
टाइम (time) है और
नेचुरल ब्यूटी (natural beauty) और और
बढि़या तरीके से इंजाय (enjoy)
करना चाहते है
तो शिमला जाने
के लिए सबसे
बढि़या आप्शन (option) टाय ट्रेन (toy train)
का है जो
कालका (kalka) से चलती
है। टाय ट्रेन
में कालका से
शिमला जाने में
करीब 5 घंटे लगते
है। इस ट्रेन
को साल 1903 में
लार्ड कर्जन (lord curzon) ने
शुरू किया था
जो करीब 96 किलोमीटर
तक पहाड़ों और
जंगलों के बीच
से आपको लेकर
आती है जिसमें
कुल 18 स्टेशन (18 station) और 103 टनल (103 tunnel)
पड़ते हैं। अपने
व्हीकल (vehicle) से भी
चंडीगढ़ से पंचकूला
(Chandigarh to panchkula)और परवाणु (parwanoo) होते
हुए जाया जा
सकता है। अगर
आप फ्लाइट (flight) से
शिमला जा रहे
हैं तो शहर
से 23 किलोमीटर दूर
जब्बरहट्टी (jubbarhatti airport) है। आप
अपनी कार से
शिमला जा रहे
हैं और होटल (hotel)
में पार्किंग की
फैसीलिटी (parking facility) नहीं है
तो यहां पर
लिफ्ट (lift) के पास
कार पार्किंग (car parking) में
खड़ी कर सकते
हैं और वहां
से लिफ्ट लेकर
माल रोड (mall road) जा
सकते हैं।
शिमला में रहने
और खाने की
भी कोई टेंशन
नहीं है। हालिडे
इन (holiday inn) से लेकर
5 स्टार होटल (5 star hotel)
तक यहां पर
मिल जाएंगे लेकिन
अगर आप सीजन (season)
में यहां आ
रहे हैं तो
होटल की बुकिंग (hotel booking)
पहले से करा
लें तो बेहतर
होगा। खाने के
शौकीनों को यहां
पर कोई दिक्कत
नहीं होगी क्योंकि
पिज्जा (pizza) से लेकर
डोसा (dosa) और चने
से लेकर आइसक्रीम (ice cream)
तक यहां पर
सब कुछ मिलता
है।
यहां आने पर
सबसे पहले आपका
वैलकम (welcome) करता है
यहां का मौसम (weather)।
वैसे तो मौसम
हमेशा ही सुहावना
रहता है लेकिन
आप स्कीइंग (skiing) और
स्नोफाल (snow fall) का एक्सपीरियंस (experience)
भी लेना चाहते
हैं तो दिसंबर (december)
और जनवरी (january) का
महीना (month) सबसे बढि़या
है। इस मौसम
में रिज (ridge) से
पूरे शिमला का
नजारा देखना भी
बिल्कुल अलग एक्सपीरियंस
है।
शिमला की पहचान
बन चुका क्राइस्ट
चर्च (christ church shimla) न्यू गाथिक
वास्तुकला का बेहतरीन
नमूना है जो
साल 1844 में बनाया
गया था। इसकी
खास बात ये
है कि इसमें
आर्गन पाइप (organ pipe) है
जो इंडिया में
सबसे बड़ा है।
क्राइस्ट चर्च (christ church) के
अलावा माल रोड (mall road)
का सबसे उंचा
पाइंट माने जाने
वाली जगह को
स्कैंडल पाइंट (scandal point) कहते हैं
जहां फेमस फ्रीडम
फाइटर (famous freedom fighter) लाला लाजपत
राय (lala lajpat rai) की मूर्ति
लगी हुई है।
शिमला में वल्र्ड
फेमस गेयटी थियेटर (world famous gaiety theatre in shimla)
भी है जो
पुराने ब्रिटिश थियेटर (old British theatre) का
ही रूप है
और गोथिक विक्टोरियन
वास्तुकला को दिखाता
है। गेयटी थियेटर (gaiety theatre)
को हेनरी इरविन
ने डिजाइन किया
था और इसका
उद्घाटन 1887 में ब्रिटिश
सरकार ने एलीट
क्लास के मनोरंजन
के लिए किया
था।
शिमला में एक
और जगह देखने
लायक है। साल
1888 में बनी वायसरीगल
लाज (Viceregal Lodge, also known as Rashtrapati Niwas) नाम की
बिल्डिंग (building) इसको वायसराय
लार्ड डफरिन ( Lord Dufferin) के
रहने के लिए
बनाया गया था।
लेकिन अब इस
बिल्डिंग का यूज
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस
स्टडीज (Indian institute of advance studies) के तौर
पर होता है।
ये एक 6 मंजिल
की इमारत है
जो लान और
बगीचों से घिरी
हुई है। इसके
टैरेस (terrace) से सनसेट (sunset)
और सनराइज (sun rise) देखना
भी बेहद अलग
एक्सपीरियंस है।
शिमला की सबसे
उंची चोटी पर
भगवान हनुमान जी
का मंदिर है
इसे जाखू मंदिर (jakhu temple)
कहते हैं। इस
मंदिर में रिज
पर बने चर्च
के पास से
पैदल या फिर
टैक्सी (taxi) से जाया
जा सकता है।
मंदिर जाने के
लिए काफी सीढि़यां
चढ़नी पढ़ती है
और रास्ते में
आपको बंदर भी
मिलेंगे लेकिन इतना परेशान
होने की जरूरत
नहीं है क्योंकि
जब आप मंदिर
पहुंच जाएंगे तो
वहां से शिमला
का नजारा देखकर
आपकी थकान गायब
हो जाएगी। ये
प्राचीन मंदिर 2455 मीटर की
उंचाई पर है
और यहां पर
राम भक्त हनुमान
जी की 108 फीट
उंची मूर्ति भी
है जो शिमला
में कहीं से
भी दिखाई देती
है। मान्यता है
कि भगवान राम
और रावण की
लड़ाई के दौरान
लक्ष्मण जी के
मूर्छित होने के
दौरान हनुमान जी
यहां पर आए
थे और जब
हनुमान जी ऋषि
यक्ष को मिलने
का वादा पूरा
ना कर पाए
तो बाद में
हनुमान जी ने
उन्हें दर्शन दिये और
यहां पर उनकी
स्वयंभू मूर्ति प्रकट हुई
तब यहां ऋषि
यक्ष ने एक
मंदिर बनवाया था।
जाखू मंदिर के अलावा
यहां पर मां
श्यामला का मंदिर
भी है जो
काली बाड़ी मंदिर
के नाम से
फेमस है। साथ
ही शहर से
थोड़ी दूर पर
धनु देवता का
मंदिर है जहां
भगवान के पुरूष
रूप की पूजा
होती है।
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